Shodashi Things To Know Before You Buy

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Celebrations like Lalita Jayanti underscore her importance, wherever rituals and offerings are made in her honor. These observances can be a testomony to her enduring attract along with the profound influence she has on her devotees' life.

ऐं क्लीं सौः श्री बाला त्रिपुर सुंदरी महादेव्यै सौः क्लीं ऐं स्वाहा ह स क ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं ॐ ह स क ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं

पञ्चबाणधनुर्बाणपाशाङ्कुशधरां शुभाम् ।

She's venerated by all gods, goddesses, and saints. In some locations, she's depicted sporting a tiger’s skin, by using a serpent wrapped about her neck plus a trident in a single of her arms whilst another holds a drum.

केवल आप ही वह महाज्ञानी हैं जो इस सम्बन्ध में मुझे पूर्ण ज्ञान दे सकते है।’ षोडशी महाविद्या

She could be the a person having Severe splendor and possessing electric power of delighting the senses. Exciting mental and emotional admiration during the 3 worlds of Akash, Patal and Dharti.

Remember to tell me these types of yoga which can give salvation and paradise (Shodashi Mahavidya). That you are the only real theologian who can give me the whole awareness On this regard.

षट्पुण्डरीकनिलयां षडाननसुतामिमाम् ।

भगवान् शिव ने कहा — ‘कार्तिकेय। तुमने एक अत्यन्त रहस्य का प्रश्न पूछा है और मैं प्रेम वश तुम्हें यह अवश्य ही बताऊंगा। जो सत् रज एवं तम, भूत-प्रेत, मनुष्य, प्राणी हैं, वे सब इस प्रकृति से उत्पन्न हुए हैं। वही पराशक्ति “महात्रिपुर सुन्दरी” है, वही सारे चराचर संसार को उत्पन्न करती है, पालती है और नाश करती है, वही शक्ति इच्छा ज्ञान, क्रिया शक्ति और ब्रह्मा, विष्णु, शिव रूप वाली है, वही त्रिशक्ति के रूप में सृष्टि, स्थिति और विनाशिनी है, ब्रह्मा रूप में वह इस चराचर जगत की सृष्टि करती है।

more info Her magnificence can be a gateway to spiritual awakening, generating her an object of meditation and veneration for those in search of to transcend worldly needs.

श्रौतस्मार्तक्रियाणामविकलफलदा भालनेत्रस्य दाराः ।

Her purpose transcends the mere granting of worldly pleasures and extends to the purification in the soul, resulting in spiritual enlightenment.

तिथि — किसी भी मास की अष्टमी, पूर्णिमा और नवमी का दिवस भी इसके लिए श्रेष्ठ कहा गया है जो व्यक्ति इन दिनों में भी इस साधना को सम्पन्न नहीं कर सके, वह व्यक्ति किसी भी शुक्रवार को यह साधना सम्पन्न कर सकते है।

पञ्चब्रह्ममयीं वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥५॥

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